Baba Da Dhaba
Speciality: Bheja Fry!
10.5.16
क्रूर रेलगाड़ी
स्टेशन से छूटी रेल गाड़ी
दो समानांतर रेखाओं पे चलते
लोहे के बड़े बड़े पहियों ने
नहीं सुनी
एक नन्हें दिल की चीख़
रात की अधूरी जिरह
आधा कप पी हुई चाय की ख़ामोशी
हाथ हिलता ज़िम्मेदारियों का शोर
कुछ नहीं सुना
बस चली गयी
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